आषाढ़ मास ‘चातुर्मास’ की शुरुआत का प्रतीक है। यह समय तपस्वियों, संन्यासियों के लिए एक स्थान पर ठहरकर अनुशासन के साथ आत्मचिंतन और साधना का काल होता है। भारतीय वैदिक परंपरा में समय को केवल भौतिक नहीं,
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संतों के लिए भी आत्मचिंतन का समय है आषाढ़ का महीना
Reviewed by Group Hindi News
on
June 17, 2025
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